आँखों में आंसू आते हैं लेकिन,
आंसुओ को आँख क्यों नहीं?
अरमानो से जुड़े थे जज़्बात,
अरमानो को जज़्बात क्यों नहीं?
चाहा जहाँ बसाना अपना बसेरा
ज़मीन मयस्सर नहीं हुई.
सिमटना कहाँ चाहा अपने दायरों में,
गम यही की कोई अपने साथ नहीं.
आंसुओ को आँख क्यों नहीं?
अरमानो से जुड़े थे जज़्बात,
अरमानो को जज़्बात क्यों नहीं?
चाहा जहाँ बसाना अपना बसेरा
ज़मीन मयस्सर नहीं हुई.
सिमटना कहाँ चाहा अपने दायरों में,
गम यही की कोई अपने साथ नहीं.

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