कुछ भी हो जाए ये भीड़ नही रुकती
वो उठ नहीं सका
मैं देख रहा था
कोई तो रुकेगा
हाथ आगे बढ़ा कर
कोई तो सहारा देगा
उसे उठाएगा, आँसू पोछेगा|
रुकने वाला था बड़ा सादा सा!
उसने किया वो सब
जो एक इंसान करता, दूजे के लिए|
मैं देख रहा था
भीड़ आगे सरक गयी
ठहरे हुए थे बस तीन-
जो गिरा,
जिसने सहारा दिया
और देखने वाला मैं.
वो उठ नहीं सका
मैं देख रहा था
कोई तो रुकेगा
हाथ आगे बढ़ा कर
कोई तो सहारा देगा
उसे उठाएगा, आँसू पोछेगा|
रुकने वाला था बड़ा सादा सा!
उसने किया वो सब
जो एक इंसान करता, दूजे के लिए|
मैं देख रहा था
भीड़ आगे सरक गयी
ठहरे हुए थे बस तीन-
जो गिरा,
जिसने सहारा दिया
और देखने वाला मैं.

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