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Tuesday, February 2, 2016

ये भीड़ नही रुकती

कुछ भी हो जाए ये भीड़ नही रुकती

वो उठ नहीं सका
मैं देख रहा था
कोई तो रुकेगा
हाथ आगे बढ़ा कर
कोई तो सहारा देगा
उसे उठाएगा, आँसू पोछेगा|

रुकने वाला था बड़ा सादा सा!
उसने किया वो सब
जो एक इंसान करता, दूजे के लिए|

मैं देख रहा था
भीड़ आगे सरक गयी

ठहरे हुए थे बस तीन-
जो गिरा,
जिसने सहारा दिया
और देखने वाला मैं.

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